आत्महत्या या हत्या

आत्महत्या या हत्या
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भीड़ का क्या है, कहीं भी, किसी भी हालात को अपना निशाना बना लेती है। आज रामदीन के बँग्ले पर!
रामदीन की लाश फाँसी पर लटकी थी, नीचे टेबुल पर लिख फरफरा रही थी आत्महत्या प्रमाण पत्र
"सालभर पहले मेरी बेटी मुनिया मेरे विश्वास की धज्जियाँ उड़ाते हुये प्रेम प्रसंग में हमें छोड़ गई थी तब पुरा समाज मेरे साथ था। विपदा की घड़ी में मुझे सँभलने का हौंसला मिला पर घटना के कुछ ही दिनों बाद से अबतक लोगों की दबी जुबानको सहना मुश्किल हो गया। इसलिये खुद को दोषी मानते हुये मैं अपने आप को खत्म कर रहा हूँ"
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बुजुर्ग दिवस

बुजुर्ग दिवस
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रामदीन का बेटा एकदम सज सँवर के बाहर जाने के लिये तैयार
ज्यों ही बाईक की ओर बढ़ा
रामदीनः सुनो बेटा :-)
बेटाः क्या है? बाहर निकलते वक्त टोकना जरूरी है क्या ! :-/
रामदीन: माफ करना बेटा पर अब बुढ़ापे में पैरों ने भी जबाब दे दिया!
बेटाः फिर सोये रहिये ना, किसने रोका है
रामदीनः छाती के दर्द से परेशान हूँ बेटा, अगर अपनी बाईक से सरकारी अस्पताल तक छोड़ देते तो दवाईयाँ ल...
े लेता
बेटाः अभी जल्दबाजी में हूँ :-/ GURRR
रामदीनः कहाँ जा रहे हो :-)
बेटाः बुजुर्ग दिवस पर भाषण देने और बुजुर्गों को सम्मानित करने
रामदीनः निःशब्द

:'(

"रामदीन चोर है"

"रामदीन चोर है"
ये खबर कुछ ही दिनों में एक चाय दुकान से उड़कर पुरे शहरमें फैल गई।
रामदीन भी अब बहुत कम ही दिखाई देता था।
तरह तरह के विचार फैल रहे थे!
"शायद बेरोजगारी से तंग आकरउसने चोरी शुरू की"
"नहीं नहीं, उसके खानदान में भी कई चोर थे, ये तो खानदानी चोर है"
"अरे नहीं यार, ये तो जुआरी था पर किसी को पता न था"
यहाँ तक कि मित्र भी कटाक्षकरते थे
"रामदीन तुम वाकई मर्द हो, पुलिस की लाठी भी तुम्हें तोड़ नह...
ीं पाई"
कुछ समयांतराल पर
कुख्यात अपराधी "जग्गा" की रँगेहाथ हुई गिरफ्तारी
उसने कबुला की शहर की सारी चोरी उसी ने की
अब रामदीन सहज था
चौक चौराहे पर खुलेआम घुम रहा था
सारे विचार बदलने लगे
रामदीन अपने मित्र के पास गया और कहा
मैं पुलिस की लाठी ही नहीं बल्कि अपनों के कटाक्ष को भी सह गया
इसलिये वाकई मर्द हूँ
मित्रः निःशब्द

॥ लेडिज फर्स्ट ॥

॥ लेडिज फर्स्ट ॥
बस स्टॉप पर बस रुकते ही झटपट सारे यात्री बस पर चढ़ने लगे। रामदीन भी किसी तरह चढ़ा और चढ़ते ही ललचाई आँखों से एक खाली सीट की तरफ बढ़ने लगा। तभी एक नवयुवक हटात से आगे निकलकर सीट पर कब्जा कर लिया।
बेबस रामदीन वहीं ठिठक गया और सोचने लगा चलो इतनी ताकत तो है कि कम से कम 30-35 मिनट का सफर खड़े खड़े तय कर सकुँ। वैसे भी जब सरकार ने रिटायर कर ही दिया तो अब इन युवकों को कौन समझाए कि वरिष्ठ नागरिक को. . . . . .,
अगले स्टॉप पर एक नवयुवती सवार हुई।
युवक तुरंत खड़ा हो गया और सीट लड़की को देते हुए बोला"लेडिज फर्स्ट"