♥ डर ♥
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रामदीन ने सुबह-सुबह आदतन अखबार के पन्ने उलटते हुए आवाज लगाई, "बिटिया, चाय हो गई हो तो लाना जरा"
"बस थोड़ी देर और पापा" बिटिया ने अंदर से ही जबाब दी।
रामदीन अखबार पढ़ते हुए अचानक गंभीर हो गाया। मोटे मोटे अक्षरों में लिखे समाचार शीर्षक "15 साल के युवक ने 13 साल की छात्रा के चेहरे पे तेजाब फेँकी"
"पापा, चाय" बिटिया ने चाय टेबुल पे रखते हुए रामदीन का ध्यान बँटाया।
"पापा, आज शाम को स्कुल के बाद सीधे लाली (सहेली) के घर जाउँगी क्योंकि आज उसका जन्मदिन है और हो सकता है कि आने में थोड़ी देरी लगे" बिटिया फिर बोली।
रामदीन की निगाहें अखबार पे अटकी हुई, चाय का कप उठाते हुए बोला "नहीं बिटिया, तुम कहीं भी नहीं जाओगी"
बिटिया आश्चर्यभाव से "क्यों पापा"
रामदीन "नि:शब्द"